कागजों में गुम हुए
जज़्बात ढूँढ़ते हैं
हम उनके साथ हों तन्हा
फिर से वो हालात ढूँढ़ते हैं
बस वो हों, उनकी आरज़ू हो
और उन्हीं से गुफ़्तगू
हम इस जमीं पर
वो कायनात ढूँढ़ते हैं
कागजों में गुम हुए
जज़्बात ढूँढ़ते हैं
कागजों में गुम हुए
जज़्बात ढूँढ़ते हैं
हम उनके साथ हों तन्हा
फिर से वो हालात ढूँढ़ते हैं
बस वो हों, उनकी आरज़ू हो
और उन्हीं से गुफ़्तगू
हम इस जमीं पर
वो कायनात ढूँढ़ते हैं
कागजों में गुम हुए
जज़्बात ढूँढ़ते हैं
क्या तुम कभी मेरी सुबह का हिस्सा बन पाओगे जल्दी- जल्दी तैयार होते मेरे अदना सवाल सुन पाओगे वो चाय की चुस्कियों के बीच की खामोशियाँ उनम...