Tuesday, 30 April 2024

क्या तुम

 क्या तुम कभी मेरी 

सुबह का हिस्सा बन पाओगे 


जल्दी- जल्दी तैयार होते 

मेरे अदना सवाल सुन पाओगे 


वो चाय की चुस्कियों के बीच की खामोशियाँ 

उनमें छिपी हज़ार बातों में अपनी आवाज़ मिलाओगे 


 क्या तुम कभी मेरी 

सुबह का हिस्सा बन पाओगे ?


चलो, सुबह तो व्यस्त होती हैं 

शामों के बारे में सोचना 


थक कर लौटते हो जब 

घर के बारे में सोचना 


घर की सारी बातें बेमानी नहीं होती 

सच है, ये बातें रूमानी नहीं होती 

फिर भी होती हैं  जिन्दगी का अहम् हिस्सा


क्या कभी तुम मेरी घरेलु बातें सुन पाओगे ?


क्या कभी तुम मेरी जिन्दगी का हिस्सा बन पाओगे ?


क्या कभी?




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मंज़िल

 क्या होगा जो मंज़िल पे पहुँच गिर जाओगे ?

अपनी मेहनत का कुछ भी नहीं पाओगे l


गुज़र जायेगा परीक्षा का समय 

ऐसे भी , वैसे भी 

जो अपनी जान लगाओगे

तो बाद में नहीं पछताओगे 


कौन जाने तुम क्या हो? 

तुम भी क्या जानो 

मौका मिले तो 

तुम क्या कुछ कर जाओगे 


तुम बने अपनी मेहनत के बल पर 

अडिग रखो इस विश्वास को 

खुद पर रखोगे संशय 

तो बिन ठोकर गिर जाओगे 


दुनिया तो हँसेगी ही 

ऐसे भी और वैसे भी 

तुम हारे तो तुम पर 

और जीते तो तुम संग 


क्या होगा जो मंज़िल पे पहुँच गिर जाओगे ?

अपनी मेहनत का कुछ भी नहीं पाओगे l



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Business of life

 There is no place 

for beggars to sit

In BIG cities-

They sit everywhere

Anywhere

Encroaching upon land 

And life- they are trapped in.


There is no place 

for people to walk in BIG cities-

They take bus or drive cars

or simply stay at home

Or simpler-

walk and die in accidents.


There is no place 

for kids to play 

in BIG cities

They remain at home

playing virtually or virtually playing

with X-boxes or computers,

for parents are out to earn.


 And grandparents in the village

to look after home and hearth .

As it was when they started 

their life as parents

so as to say 

when they started their business of life.



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Saturday, 10 February 2024

Second born

 

Sons are second born as

They were a pain to be borne.

So gods gave them birth

as a second child.


As parents

they were completely exhausted

Teaching daughters all

that was there to be taught

So unknowingly they gave birth

to a race whom they could not teach anything

beyond fighting to survive

 And sent this model

without testing them

if they were there to make this world a better place.


The rest is history......


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Thursday, 14 December 2023

Larger Perspectives

 Seeing things in larger Perspectives

Everything has come to make sense

Economics, Politics, Law, History, and dreaded Finance

We have many problems-

We classify them as social

or medical or financial

Actually they are global!!




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Friday, 6 October 2023

कविता कैसी होती है

 कविता कैसी होती है

ये बच्चों जैसी होती है -

बेबाक I

कभी मिल जाए मौका

 खुद से मिलने का, 

खुद को पढ़ने का

 और हम लिख लें 

वो पढ़ा हुआ

जो कभी कोई न पढ़ पाया I


कविता कैसी होती है

ये बच्चों जैसी होती है -

गीली मिटटी जैसी I

जैसे बच्चा जन्म से ही 

मां से जुड़ जाता है

कविता का अंकुर भी 

मस्तिष्क में रह जाता है

फिर उसे विचारों में सोच कर

शब्दों में मींज कर हम लिख देते है I


कविता कैसी होती है

ये बच्चों जैसी होती है -

पहेली जैसी  I

नवागंतुक शिशु की तरह 

रोमांचित और  विस्मित करती है -

क्या ये मेरा ही अंश  है ?

जो अब तक छिपा रहा

और किसी से तो क्या 

खुद से ही न कहा गया  I


कविता कैसी होती है

ये बच्चों जैसी होती है -

प्यारी सी   I

जैसे शिशु सहज ही 

प्यार पा लेता है

कविता भी जन्म लेते ही

एक रिश्ता कायम कर लेती है

कभी विस्मय का 

कभी विषाद  का  I



कविता कैसी होती है

ये बच्चों जैसी होती है -

बिगड़ी हुई  I

कभी-कभी बिगड़ कर 

जिद करके बैठ जाती है

विचारों के घोर मंथन पर ही

यह सामने आती है

जितनी बार सोचो इसको 

यह और निखरती जाती है  I


कविता कैसी होती है

ये बच्चों जैसी होती है -

नित दिन बढ़ने वाली  I

जैसे बच्चे बड़े हो जाते हैं

यह भी यौवन पा लेती है

फिर प्रसिद्धि पा कर

अजर- अमर हो जाती है 

मेहनत इस पर की हुई 

व्यर्थ नहीं जाती है

समय आने पर यह अपना 

रंग दिखाती है I


कविता कैसी होती है

ये बच्चों जैसी होती है I


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Sunday, 15 January 2023

Negotiations

 

Negotiating with life

Opening point with my position

I thought I could hide my interests behind

Variables and giveaways.

 

To avoid the deadlock,

I gave in my Reservation point

And we split the difference

By agreeing to live in peace with each other

 

I knew either I win from my struggles

Or I lose it all

There was never for me

The best alternative to a negotiated agreement.

 

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क्या तुम

 क्या तुम कभी मेरी  सुबह का हिस्सा बन पाओगे  जल्दी- जल्दी तैयार होते  मेरे अदना सवाल सुन पाओगे  वो चाय की चुस्कियों के बीच की खामोशियाँ  उनम...